नक्सलियों ने उनके रिश्तेदारों की हत्या की
मांझी ने सोमवार को कहा कि माओवादियों ने कोमल, सागर और दुकान और दो अन्य (रिश्तेदारों) की हत्या कर दी है। हम डर के साये में जी रहे हैं। मेरे परिवार ने मुझसे दवाइयां बांटना बंद करने और पुरस्कार लौटाने को कहा है। रविवार को स्थिति तब चरम पर पहुंच गई जब माओवादियों ने छोटेडोंगर क्षेत्र (नारायणपुर जिला मुख्यालय से 40 किमी और रायपुर से 260 किमी.) के चमेली और गरदांड गांवों में दो मोबाइल टावरों को आग लगा दी। साथ ही वहां पर्चे बिखेरे, जिनमें मांझी पर ‘आमदई माइंस के एजेंट के रूप में काम करने’ का आरोप लगाया। साथ ही उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।
आमदई खनन परियोजना में कर रहे मदद
पर्चे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्मश्री प्राप्त करते हुए मांझी की तस्वीर छपी थी। उस पर लिखा था कि मांझी आमदई खनन परियोजना के चालू होने में योगदान दे रहे हैं और बदले में उन्हें बहुत कुछ मिल भी रहा है। यह पहली बार नहीं है जब माओवादियों ने मांझी पर इस तरह का आरोप लगाया हो और उन्हें धमकी दी हो।
पद्म श्री मांझी ने आरोपों से किया इनकार
आरोपों से इनकार करते हुए मांझी ने कहा कि लौह अयस्क खदान से उनका कोई व्यापारिक लेन-देन नहीं है। मांझी ने कहा कि मैंने अपने परिवार के साथ चर्चा करने के बाद यह फैसला लिया। माओवादियों ने अपने पर्चे में मेरे खिलाफ बेवजह बातें कीं। मैं 20 साल की उम्र से लोगों की सेवा कर रहा हूं, जड़ी-बूटी से बीमारियों और व्याधियों का इलाज कर रहा हूं। लेकिन अब और नहीं।
दिसंबर 2023 में भतीजे की हत्या
माओवादियों ने पिछले साल दिसंबर में कोमल की हत्या कर दी थी, उन पर खदानों से 16 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया था। वैद्यराज ने कहा कि अब वे मुझ पर 11 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगा रहे हैं। कोमल की हत्या के बाद मांझी को तीन सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए गए और उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें नारायणपुर शहर में स्थानांतरित कर दिया गया।
खदानों के किसी सौदे के बारे में जानकारी नहीं
हालांकि, मांझी ने कहा कि उन्हें जो घर दिया गया था, उसमें बुनियादी सुविधाएं नहीं थीं, इसलिए उन्हें किराए के घर में रहना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुझे खदानों के किसी भी सौदे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हम किराए के घर में रहते हैं, जिसमें खतरा है। मैं सरकार से अपील करता हूं कि मुझे उचित आश्रय और सुरक्षा प्रदान की जाए। जिला प्रशासन द्वारा मुझे पहले जो घर दिया गया था, उसमें पानी या अन्य सुविधाएं नहीं हैं, यहां तक कि चारदीवारी भी नहीं है।
मांझी को दी गई है वाई श्रेणी
गृह विभाग के एक अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मांझी को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है और जिला प्रशासन जरूरत पड़ने पर और सुरक्षाकर्मी मुहैया कराने के लिए स्वतंत्र है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने नारायणपुर कलेक्टर से भी संपर्क किया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया।