न्यू मेक्सिको के अल्बुकर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेकऑफ करते ही अमेरिकी एयरफोर्स का F-35 लाइटनिंग-2 स्टेल्थ फाइटर जेट क्रैश हो गया. अमेरिका के सबसे महंगे जेट विमान प्रोग्राम को लगातार झटका लग रहा है. इस एक प्लेन की कीमत 832 करोड़ रुपए से ज्यादा है. पायलट क्रैश से पहले इजेक्ट कर गया था. सुरक्षित है.
इस फाइटर जेट के साथ यह साल भर के अंदर दूसरा हादसा है. इससे पहले साउथ कैरोलिना में ऐसा ही एक फाइटर जेट लापता हो गया था. जो बाद में एक घर के पीछे क्रैश मिला. इसका मलबा साउथ कैरोलिना के ज्वाइंट बेस चार्ल्सटन से 96 KM दूर विलियम्सबर्ग काउंटी में मिला.
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यहां देखिए हादसे का Video
ये फाइटर जेट दुनिया के 10-12 देशों में इस्तेमाल किया जाता है. अमेरिकी सेना ने कहा कि हादसे की जांच चल रही है. इससे ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की गई है. पिछले साल अमेरिका को ऐसे कई हादसों से झटके लगे थे. इससे पहले तीन हादसों में ऑस्ट्रेलिया में एक वी-22बी ऑस्प्रे टिल्ट्रोटर एयरक्राफ्ट ट्रेनिंग के दौरान क्रैश कर गया था.
इस हादसे में तीन यूएस मरीन मारे गए थे. इसके बाद सैन डिएगो में ट्रेनिंग फ्लाइट के दौरान मरीन कॉर्प्स का पायलट कॉम्बैट जेट क्रैश होने पर मारा गया था. फिर साउथ कैरोलिना का हादसा और उसके बाद अब ये न्यू मेक्सिको में फाइटर जेट का क्रैश होना. अमेरिका को लगातार इनके डिफेंस सेक्टर में नुकसान हो रहा है.
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ये फाइटर जेट इतना जरूरी क्यों है?
अमेरिका के लापता फाइटर जेट का पूरा नाम है F-35 लाइटनिंग 2. यह हर मौसम में उड़ान भरने वाला स्टेल्थ मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. यह एयरसुपीरियरिटी और स्ट्राइक मिशन के लिए बनाया गया है. यह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, जासूसी, सर्विलांस, रीकॉन्सेंस जैसे मिशन को भी पूरा कर सकता है.
इसके तीन वैरिएंट मौजूद हैं- पहला कन्वेंशनल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (CTOL). इसे F-35A कहते हैं. दूसरा है शॉर्ट टेक-ऑफ एंड वर्टिकल लैंडिंग (STOVL). इसे F-35B कहते हैं. तीसरा है- कैरियर बैस्ड. यानी F-35C. इसे अमेरिका का लॉकहीड मार्टिन कंपनी बनाती है.
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गति और छिपकर हमला इसकी ताकत
इसे एक ही पायलट उड़ाता है. लंबाई 51.4 फीट, विंगस्पैन 35 फीट और ऊंचाई 14.4 फीट है. अधिकतम गति 1976 KM/घंटा है. कॉम्बैट रेंज 1239 KM है. अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 4 बैरल वाली 25 मिमी की रोटरी कैनन लगी है. जो एक मिनट में 180 गोलियां दागती है.
इसमें चार अंदरूनी और छह बाहरी हार्डप्वाइंट्स हैं. हवा से हवा, हवा से सतह, हवा से शिप और एंटी-शिप मिसाइलें तैनात की जा सकती है. इसके अलावा चार तरीके के बम लगाए जा सकते हैं.