‘मुझे लगता है कि यह इतिहास की एकमात्र दुर्घटना है जिसे लेकर हर कोई चिंतित है कि कोई बच तो नहीं गया… विश्व हेलिकॉप्टर दिवस की शुभकामनाएं.’ ये शब्द हैं ईरानी-अमेरिकी पत्रकार मासिह अलीनेजाद के जिन्होंने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की रिपोर्ट आने पर सोशल मीडिया के जरिए ये संदेश दिया है. रईसी के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर सामने आने के बाद सैकड़ों ईरानियों ने शहर के मुख्य चौराहों पर जमा होकर उनकी सलामती की दुआएं मांगी थीं लेकिन एक तरफ वो ईरानी भी हैं जो रईसी की मौत का जश्न मना रहे हैं.
सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हैं जिसमें ईरानी और विदेशों में रह रहे ईरानी प्रवासी हेलिकॉप्टर क्रैश की खुशी मनाते हुए मीम्स शेयर कर रहे हैं.
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि ईरान में कुछ लोग रात से ही पटाखे जलाकर जश्न मना रहे हैं. पत्रकार मासिह अलीनेजाद ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा है कि ईरान की सोशल मीडिया इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश को लेकर जोक्स से भरी पड़ी है. दबे-कुचले लोग हास्य के जरिए इसी तरह पलटवार करते हैं.
अलीनेजाद ने एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें एक महिला नाचती दिख रही है. वीडियो शेयर करते हुए पत्रकार ने दावा किया है कि महिला के बेटे को कुछ महीने पहले ही इब्राहिम रईसी ने मौत के घाट उतरवा दिया था और अब वो रईसी की मौत पर नाच रही है. उन्होंने आगे लिखा, ‘मैंने आपसे कहा था कि ईरान की महिलाएं घायल हैं लेकिन वो अत्याचार करने वालों के सामने कभी झुकेंगी नहीं.’
अपने राष्ट्रपति की मौत पर इतना जश्न क्यों?
इब्राहिम रईसी ईरान के राष्ट्रपति ही नहीं थे बल्कि ऐसा माना जा रहा था कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के बाद वही उनकी जगह लेंगे. ऐसे में ईरान की इतनी बड़ी शख्सियत के मरने पर ईरान के कुछ लोग जश्न क्यों मना रहे हैं?
रईसी 2021 में विवादित राष्ट्रपति चुनाव के बाद सत्ता में आए थे और तब से ही उन्होंने बेहद सख्त रूढ़िवादी नीतियां लागू कीं. कट्टरपंथी रईसी सुप्रीम लीडर खामेनेई के करीबी माने जाते थे. रईसी को ईरान में असहमति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने, महिलाओं के कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने और कठोर ‘हिजाब कानून’ (Hijab And Chastity Regulation) लागू करने के लिए जिम्मेदार माना जाता था. इस कानून ने ईरान में मोरैलिटी पुलिस को असीमित शक्तियां दे दी थीं.
2022 में महसा अमिनी नाम की लड़की की हिरासत में मौत के बाद हिजाब कानून जैसे सख्त इस्लामी कानूनों के लागू करने को लेकर ईरान की धार्मिक शासन के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. अमिनी को हिजाब नहीं पहनने के कारण मोरैलिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. अमीनी की मौत के बाद शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन 1979 की ईरानी क्रांति के बाद से ईरानी सरकार के सामने आई सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक था. इस प्रदर्शन को भी रईसी की सरकार ने बेहद सख्ती से कुचलने की कोशिश की और कई लोगों को फांसी दी गई.
1979 की क्रांति के दौरान रईसी पढ़ाई कर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने उदारवादी शाह के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन में भाग लिया था. क्रांति में उदारवादी सरकार गिराकर एक कट्टर इस्लामिक सरकार बनाई गई थी.
सुप्रीम लीडर की देखरेख में आगे बढ़े थे रईसी
रईसी 25 की उम्र में ही न्यायपालिका में शामिल हुए और जल्द ही तेहरान के डिप्टी अभियोजक बन गए थे. अयातुल्ला खामेनेई ने व्यक्तिगत तौर पर उन्हें तैयार किया था. ईरान में 1988 में हजारों राजनीतिक कैदियों को सामूहिक फांसी दी गई थी जिसमें रईसी की अहम भूमिका रही. इसी कारण उन्हें ‘तेहरान का कसाई’ जैसी उपाधियां मिली हुई थीं.
खामेनेई की देखरेख में आगे बढ़े रईसी साल 2021 में ईरान के राष्ट्रपति बने थे. सत्ता में आने के बाद से ही ईरान में उन्होंने सख्त इस्लामिक कानून लागू करवाए और शासन से असहमति रखने वालों को सख्ती से कुचल दिया था.
ईरान में आम लोगों को कठोर इस्लामी नीतियों का पालन करने को मजबूर किया गया जिससे लोगों में धार्मिक शासन के खिलाफ असंतोष बढ़ता गया. 2021 में ग्रुप ऑफ एनालिसिंग एंड मिजरिंग एटिट्यूड्स इन ईरान (GAMAAN) के एक सर्वे में खुलासा किया गया कि 47% धार्मिक ईरानी अब अधार्मिक हो गए हैं.
ईरान और ईरान के बाहर मनाई गई खुशियां
सोशल मीडिया पर आतिशबाजियों के कई ऐसे वीडियो वायरल हैं जिन्हें लेकर दावा किया जा रहा है कि ये ईरान से हैं और लोग रईसी की मौत पर जश्न मनाते हुए आतिशबाजी कर रहे हैं.
एक वीडियो में एक शख्स पटाखे जलाते हुए कह रहा है, ‘इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश की गुड न्यूज का जश्न मनाया जाए.’
ईरानी सरकार की नीतियों की वजह से कई ईरानियों को अपना देश भी छोड़ना पड़ा है. विदेश में रह रहे ये ईरानी भी रईसी की मौत का जश्न मना रहे हैं. लंदन स्थित ईरानी दूतावास के बाहर भी कई लोगों को नाचते हुए देखा गया है.
साल 2022 में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के दौरान ईरानी सुरक्षाबलों ने 62 वर्षीय मीनू मजीदी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. अब रईसी की मौत पर मजीदी की बेटी ने भी जश्न मनाया है.