चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 31 मई से लेकर 1 जून तक दो दिवसीय इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट का एक अनोखा आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार की विशेष पहल पर प्रदेश में मंत्रियों को प्रबंधन की बारीकियां समझाने और आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए ये आयोजन किया गया था. इसे आईआईएम ने चिंतन-शिविर नाम दिया है. देश में संभवतः पहली बार किसी चिंतन-शिविर में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने राजनीतिक रणनीति के बजाय दायित्वों के निर्वहन के लिए रणनीति पर गहन मंथन किया है.
राज्य की विष्णु देव साय सरकार की पहल पर ही आईआईएम ने इसका आयोजन किया था. इसमें गुड गवर्नेंस से बेस्ट गवर्नेंस की ओर बढ़ने और सुशासन की संकल्पना को साकार करने पर जोर दिया गया था. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने सुशासन के संबंध में विशेषज्ञों के साथ अपने आइडियाज साझा किए. साथ ही अपनी जिज्ञासाएं भी रखीं. इस दौरान मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी आईआईएम की कक्षा में उपस्थित रहे.
इस आयोजन में राज्य सरकार ने देशभर के विशेषज्ञों के साथ विकसित छत्तीसगढ़ की डिजाइन और क्रियान्वयन के रोड मैप पर बौद्धिक विमर्श किया. इस दौरान 2047 तक विकसित भारत के बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए विकसित छत्तीसगढ़ के मानदंड पर भी विमर्श किया गया.
इस संवाद की खूबी यह रही कि इसमें छत्तीसगढ़ की जरूरतों, प्राथमिकताओं, संभावनाओं पर चर्चा के साथ-साथ अहम सुझाव भी सामने आए. नीति आयोग के सीई ओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने अगले 10 सालों में विकसित छत्तीसगढ़ की रूपरेखा प्रस्तुत की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 10 सालों में देश की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई दी है. देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में छत्तीसगढ़ अहम भूमिका अदा कर सकता है.
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक सुन्दरता भी है और प्रचुर खनिज संपदा भी. राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए खनिजों का विवेकपूर्ण दोहन के साथ-साथ यहां के पर्यटन के प्रमोशन और ब्रांडिंग पर ध्यान देने की जरूरत है.
आयोजन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री राम विचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वन एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, वाणिज्य उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाडे, खेलकूद एवं युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा उपस्थित थे.